जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), किशनगंज
इस महाविद्यालय की शुरूआत 1958 में हुई। पुर्णियाँ जिला के अन्तर्गत किशनगंज अनुमंडल था। सर्वप्रथम इसका नाम ट्रेनिंग स्कूल था। इनके प्राचार्य को प्रधानाध्यापक ही कहा जाता था। यह एक भाड़े के मकान में सुभाषपल्ली, किशनगंज के करीब शुरू हुआ। 1967 में चकला पंचायत जो किशनगंज प्रखंड के अंदर है। 1) स्व हेमचन्द्र शर्मा पिता नौरंगी लाल शर्मा, 2) राम नारायण शर्मा किशनगंज परगना, सूर्यापुर जिला- पुर्णियाँ ने खाता संख्या 377,380,381 प्लाट नं 789,821,790,793 और 1, कुल जमीन 10 एकड़ 25 डिसमील जमीन प्राचार्य टीचर्स ट्रेनिंग स्कूल किशनगंज को दान दिया। जमीन दान में प्राप्त होने पर वहाँ पर फ़ूस का मकान बना जिसमें विधिवत रूप से ट्रेनिंग स्कूल चलने लगा। बाद में श्री मथुरा चौधरी प्राचार्य के रूप में 1960 में पदस्थापित होने के बाद से अब तक के प्राचार्य की सूची उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार चकलाघर में जो फ़ूस का मकान था वह जल गया तो पुन: पुराने स्थान सुभाषपल्ली के नजदीक पर वहीं से ट्रेनिंग स्कूल का कार्य संचालित होने लगा। प्रशिक्षण का कार्य 1992 के पूर्व तक नियमित ढंग से चलता रहा। लेकिन 1992 में सरकारी आदेशानुसार प्रशिक्षण का कार्य बंद हो जाने के कारण महाविद्यालय का कार्यालय नेशनल हाई स्कूल, किशनगंज के कैम्पस में चलने लगा। जो 2011 में नेशनल हाई स्कूल से स्थान परिवर्तित होकर इन्टर उच्च विद्यालय किशनगंज के पुस्तकालय भवन में आ गया और अद्यतन यहीं से प्रशिक्षण का कार्य जारी है। अब यह प्राथमिक शिक्षक महाविद्यालय से उत्क्रमित होकर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान किशन्गंज हो गया है। यहाँ पर सत्र 2011-13 में 50 Intake Capacity था जिसमें 45 का नामांकन, एवं 2012-14 सत्र में पूरे 50 छात्रों का नामांकन हुआ।